
मनरेगा योजना का खुलेआम मजाक, पानी से लबालब पोखरी में दिखाया गया जीर्णोद्धार कार्य, मौके पर एक भी मजदूर नहीं
- By UP Samachaar Plus --
- Monday 23 Jun, 2025
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महराजगंज (मिठौरा)। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को जमीनी स्तर पर मजाक बना दिया गया है। मिठौरा ब्लॉक अंतर्गत सिंदुरिया गांव में मनरेगा के तहत चल रहे जीर्णोद्धार कार्यों में बड़े पैमाने पर धांधली का मामला सामने आया है।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान और संबंधित ब्लॉक कर्मचारियों की मिलीभगत से मुर्दहिया पोखरी में जीर्णोद्धार कार्य दर्शा कर मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगाई जा रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि जिस पोखरी के जीर्णोद्धार का दावा किया जा रहा है, वह पानी से लबालब भरी है। ऐसे में वहां किसी प्रकार के कार्य की कोई संभावना नहीं है। बावजूद इसके मजदूरों को खड़ा कर फोटो खींचा गया और उसी आधार पर उपस्थिति दर्ज की गई।
इतना ही नहीं, चकरोड निर्माण और इंटरलॉकिंग कार्य का हवाला देकर भी इसी प्रकार की खानापूर्ति की जा रही है। तस्वीरों में मजदूरों के हाथ में न तो कुदाल दिख रही है और न ही कोई अन्य कार्य सामग्री। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इन कार्यों में प्रतिदिन औसतन 82 मजदूरों की फर्जी हाजिरी भरकर सरकारी धन का गबन किया जा रहा है।
अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध
ग्रामीणों का कहना है कि यह सारा खेल ग्राम सचिव, तकनीकी सहायक और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है। सवाल उठता है कि जब पानी भरे पोखरी में कार्य संभव नहीं, तो संबंधित अधिकारियों की नजर इन कार्यों पर क्यों नहीं जाती? क्या उन्हें इसकी जानकारी होते हुए भी 'हिस्सेदारी' की लालच है?
प्रशासन की चुप्पी
जब इस मामले को लेकर मिठौरा के एपीओ से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल फोन बंद मिला। इससे पूरे मामले पर उठ रहे सवाल और भी गहरे हो गए हैं।
अब उम्मीद जिला प्रशासन से
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर अनियमितता पर क्या रुख अपनाता है या फिर मनरेगा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती रहेगी।