
यूरिया की कालाबाज़ारी पर जिला प्रशासन ने कसा शिकंजा, तीन पर एफआईआर दर्ज
- By UP Samachaar Plus --
- Monday 25 Aug, 2025
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महाराजगंज,(संवाददाता ओंकार नाथ वर्मा)। जिले में कृषि कार्य के लिए निर्धारित सब्सिडी वाले यूरिया उर्वरक की कालाबाज़ारी रोकने के लिए प्रशासन ने सख़्ती दिखाते हुए तीन लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया है। जांच में पाया गया कि इन लोगों ने अपनी वास्तविक आवश्यकता से कई गुना अधिक उर्वरक की खरीद की और बाद में ऊंचे दामों पर बेच डाला।
जानकारी के मुताबिक ग्राम हरदीडाली निवासी निजामुद्दीन पुत्र वकील, सरफुद्दीन पुत्र शमशुद्दीन और इरफान पुत्र हकीमुल्लाह ने जुलाई माह में अलग–अलग बार जाकर दर्जनों बोरी नीम कोटेड यूरिया खरीदी। जांच में यह भी सामने आया कि तीनों के पास उतनी कृषि भूमि नहीं है, जितनी के हिसाब से उन्होंने यूरिया उठाया।
जिला कृषि अधिकारी की रिपोर्ट में बताया गया कि—
निजामुद्दीन ने जुलाई में 17 बार जाकर कुल 35 बोरी यूरिया खरीदी, जबकि उसके पास मात्र 1.410 हेक्टेयर जमीन दर्ज है।
सरफुद्दीन ने 13 बार में 32 बोरी यूरिया खरीदी और लिखित बयान में स्वीकार किया कि उसके पास कोई खेत ही नहीं है।
इरफान ने 10 बार में 25 बोरी यूरिया खरीदी, जबकि वह केवल दो एकड़ बटाई पर खेती करता है। उसने लिखित रूप से स्वीकार किया कि अतिरिक्त यूरिया को 250 रुपये प्रति बोरी का लाभ लेकर बेचा है।
अधिकारियों के अनुसार, धान की खेती के लिए एक एकड़ में अधिकतम दो बोरी यूरिया की आवश्यकता होती है। इसके बावजूद इन लोगों ने मानक से कहीं अधिक खरीद की। जांच में साफ हो गया कि इनका मकसद केवल अवैध भंडारण और मुनाफाखोरी था।
इस पर जिला कृषि अधिकारी की तहरीर पर थाना सोनौली में आवश्यक वस्तु अधिनियम 1995 की धारा 3/7 समेत संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है।
जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में जून माह में 186 और जुलाई में 261 लोगों ने एक मीट्रिक टन से अधिक यूरिया खरीदा था। इनमें संदिग्ध पाए गए किसानों की सूची शासन को भेजी गई है और कृषि मंत्री को भी अवगत कराया गया है। सीमावर्ती क्षेत्रों में विभागीय जांच भी कराई गई है।
डीएम ने स्पष्ट किया कि यूरिया जैसी आवश्यक वस्तु की कालाबाज़ारी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। फिलहाल अन्य संदिग्ध खरीददारों की जांच जारी है और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।