बिना काम हुए निकाले गए लाखों, किसकी मिलीभगत? सिसवा ब्लॉक के चैनपुर में भ्रष्टाचार की बदबू, बिना निर्माण भुगतान, कौन है जिम्मेदार?

महराजगंज (संवाददाता)। क्या सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता सिर्फ कागज़ों पर है ? क्या ब्लॉक और ग्राम पंचायतों की मिलीभगत से जनता के पैसों की लूट जारी है ? महराजगंज जिले के सिसवा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम चैनपुर से आए मामले ने इन सवालों को एक बार फिर जिंदा कर दिया है।

गांव चैनपुर में सोहबत के घर से छावनी तक पक्की नाली निर्माण का कार्य दर्शाया गया, जिसके एवज में 17 जून 2025 को ₹3,12,282 का भुगतान कर दिया गया। लेकिन मौके पर जाकर देखा गया तो चौंकाने वाला सच सामने आया— न तो कोई नई नाली बनी है, और न ही कोई हालिया निर्माण कार्य हुआ है।

10-15 साल पुरानी नाली को दिखाकर निकाला गया पैसा

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जिस नाली को बनवाने की बात की जा रही है, वह वर्षों पहले बन चुकी है। अब सवाल उठता है—क्या सरकारी सिस्टम इतना लापरवाह हो गया है कि जमीनी सत्यापन के बिना ही करोड़ों की योजनाओं का पैसा जारी कर दिया जाता है?

ग्राम प्रधान की चुप्पी, ब्लॉक कर्मियों की भूमिका संदिग्ध

जब ग्रामीणों ने प्रधान से सवाल किया तो उन्होंने गोलमोल जवाब देकर बात को टाल दिया। वहीं ब्लॉक कार्यालय के कर्मचारी भी अब तक चुप हैं। क्या यह चुप्पी मिलीभगत का संकेत है?

डीपीआरओ ने जताई अनभिज्ञता, पर सवाल यह—क्या जांच से कुछ बदलेगा?

जब इस संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी श्रेया मिश्रा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी। उन्होंने जांच कर कार्रवाई की बात कही, लेकिन ग्रामीणों का सवाल है—“क्या सिर्फ जांच की खानापूर्ति से भ्रष्टाचार खत्म होगा ?”

सुर्खियां बनी तो मची हड़कंप, अब मरम्मत के नाम पर लीपापोती

जैसे ही मामला मीडिया की सुर्खियों में आया, ग्राम प्रधान ने उसी पुरानी नाली की मरम्मत शुरू करवा दी। सवाल ये है कि अगर नाली नई बनी थी तो मरम्मत की जरूरत क्यों पड़ी? और अगर मरम्मत हो रही है तो इसका पैसा किस योजना से दिया जा रहा है?

क्या जिला प्रशासन लेगा संज्ञान या फिर दबा दिया जाएगा मामला?

इस घोटाले ने यह भी साबित कर दिया है कि कागज़ों में योजना पूरी कराकर सरकारी पैसे को डकारना आज भी आसान है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अब देखना ये है कि प्रशासन इसे कितना गंभीरता से लेता है या फिर यह मामला भी सिसवा के फाइलों की धूल में गुम हो जाएगा।


Contact Us - +91-9453529007

Email ID - upsamacharplus@gmail.com