रेलवे भूमि अधिग्रहण में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ उजागर, तीन पर मुकदमा दर्ज पुनर्मूल्यांकन में 21 लाख से अधिक की गड़बड़ी सामने, कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध
- By UP Samachaar Plus --
- Friday 28 Nov, 2025
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महराजगंज। घुघली–आनंदनगर बाया महराजगंज रेलवे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण में व्यापक अनियमितताएँ सामने आई हैं। मुआवजा बढ़वाने के नाम पर बिचौलियों और भूमि अधिग्रहण कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से किसानों से ब्लैंक चेक लेने और अवैध रूप से धन निकलवाने का गंभीर मामला उजागर हुआ है।
उप भूमि अध्याप्ति अधिकारी नंद प्रकाश मौर्या ने अमीन आकाश चंद बादल सहित तीन लोगों के खिलाफ सदर कोतवाली में तहरीर दी, जिसके आधार पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि पिपरा बाबू स्थित एमएम हॉस्पिटल के संचालक डॉ. ए.एच. खुशरू और प्रेमचंद वर्मा ने पकड़ी नौनिया निवासी मो. उमर, उसके दो भाइयों और उसकी मां से मुआवजा बढ़ाने के नाम पर ब्लैंक चेक ले लिए। बाद में उमर के परिवार को भुगतान हुए 2 करोड़ से अधिक की राशि में से 42 लाख रुपये प्रेमचंद वर्मा के खाते में ट्रांसफर कर लिए गए। शिकायत के बाद हुई जांच में आरोप सही पाए गए।
इधर, एक अन्य मामले ने भूमि मूल्यांकन प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रुधौली भावचक निवासी शकुंतला देवी ने शिकायत की कि उनकी साढ़े तीन डिसमिल भूमि और मकान के अधिग्रहण पर 57.68 लाख रुपये तो मिले, लेकिन उनसे 10.70 लाख रुपये जबरन निकलवा लिए गए। जिलाधिकारी ने बैंक सीसीटीवी फुटेज की जांच के आदेश दिए हैं।
रेलवे इंजीनियरिंग टीम ने जब उनके मकान का पुनर्मूल्यांकन कराया तो उसका वास्तविक मूल्य मात्र 13.10 लाख रुपये पाया गया, जिसके अनुसार दो गुना मुआवजा 26.20 लाख होना चाहिए था। जबकि पहले की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें 47.81 लाख रुपये दिए गए, जो निर्धारित मानक से 21.61 लाख रुपये अधिक है। रेलवे के मुख्य इंजीनियर राजीव रंजन ने इसे गंभीर लिपिकीय त्रुटि बताते हुए भूमि अधिग्रहण कार्यालय को रिकवरी की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश भेजा है।
भूमि अधिग्रहण अधिकारी नंद प्रकाश मौर्या ने कहा कि मूल्यांकन कंपनी एनपी एसोसिएट की रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है। यदि मानक से अधिक भुगतान की पुष्टि होती है, तो रिकवरी और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई अनिवार्य रूप से की जाएगी।
लेकिन चर्चाओं की बाजार गर्म है क्या केवल अमीन को मोहरा तो नहीं बनाया गया इतनी बड़ी गड़बड़ी आखिर कैसे हुई ? लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। कार्रवाई की बात करें तो मुकदमा तो दर्ज करा दी गई लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई।

