
जिला अस्पताल परिसर में सक्रिय दलालों पर गिरी गाज, डीएम ने CMO को जांच कर सख्त कार्रवाई का दिया निर्देश
- By UP Samachaar Plus --
- Friday 01 Aug, 2025
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महराजगंज। जिला अस्पताल परिसर से मरीजों को बहला-फुसलाकर निजी अस्पतालों में भेजने के मामले में बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। जिलाधिकारी ने इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी श्रीकांत शुक्ला को पत्र भेजकर न सिर्फ जांच के निर्देश दिए हैं, बल्कि दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई करने को भी कहा है।
डीएम के पत्र के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। जिलाधिकारी ने विशेष रूप से गोल्ड हॉस्पिटल और जनता हॉस्पिटल के खिलाफ आई शिकायतों का हवाला देते हुए लिखा है कि यदि इनके अलावा भी किसी अन्य निजी अस्पताल के दलालों की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएं।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई, फिर भी नहीं थमी दलाली
गौरतलब है कि पूर्व में भी जिला अस्पताल परिसर में आरोग्य हॉस्पिटल और नोवा हॉस्पिटल के दलालों के बीच मारपीट की घटना सामने आई थी, जिसके बाद डीएम ने अस्पताल का औचक निरीक्षण भी किया था। लेकिन इस बार आधा दर्जन से ज्यादा निजी अस्पतालों से जुड़ी संदिग्ध गतिविधियों के इनपुट मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक जांच शुरू कर दी है।
गैंगवार जैसी स्थिति, कई बार थाने तक पहुंच चुका है मामला
जानकारी के अनुसार, मरीजों को निजी अस्पतालों में पहुंचाने को लेकर दलालों के बीच कई बार झड़प हो चुकी है। आरोग्य हॉस्पिटल और जनता हॉस्पिटल के दलालों के बीच पहले भी झगड़ा हो चुका है, जिसमें SC/ST एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
इन अस्पतालों और दलालों की भूमिका संदेह के घेरे में
लगातार शिकायतों के घेरे में आने वाले निजी अस्पतालों में आरोग्य हॉस्पिटल, गोल्ड हॉस्पिटल, जनता हॉस्पिटल, नोवा हॉस्पिटल और सावित्री हॉस्पिटल प्रमुख हैं। बताया जा रहा है कि इन अस्पतालों से जुड़े दलाल जिला अस्पताल और महिला अस्पताल परिसर में सक्रिय रहते हैं और वहां आने वाले मरीजों को बहला-फुसलाकर निजी अस्पतालों में रेफर कराते हैं।
इन दलालों पर गिर सकती है कार्रवाई की गाज
सूत्रों के अनुसार निम्नलिखित दलालों के नाम सामने आए हैं, जिन पर कार्रवाई तय मानी जा रही है:
गोल्ड हॉस्पिटल:
सत्येंद्र मधुकर
मधुकर
एक अज्ञात व्यक्ति
आरोग्य हॉस्पिटल:
सोनू कन्नौजिया
एक अज्ञात व्यक्ति
सावित्री हॉस्पिटल:
कार्तिके मिश्रा
सुदेश जायसवाल (जूनियर)
अनिल गुप्ता (निदान मेडिकल स्टोर)
एक अज्ञात व्यक्ति
जनता हॉस्पिटल:
रामचन्द्र मौर्या
सिकंदर गौड़
रामचंद्र
छोटेलाल कुशवाहा
नोवा हॉस्पिटल:
आलोक पटेल
सुजीत गौड़
स्वास्थ्य सेवाओं की छवि धूमिल करने वाली इस दलाली की प्रवृत्ति को रोकने के लिए प्रशासन अब सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। डीएम के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग की जांच का दायरा और तीव्रता दोनों बढ़ा दिए गए हैं। आने वाले दिनों में इन दलालों और उनसे जुड़े अस्पतालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।
इन अस्पतालों से जुड़े तमाम दलालों के नाम समय-समय पर उजागर होते रहे हैं एवं कार्यवाही भी हुई है लेकिन बावजूद इसके सरकारी अस्पताल में दलाली रुकने का नाम नही ले रही है।